पूर्व मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री रमन सिंह के इलाके में बच्चा भी मानव तस्कर के कब्जे में

 




नौकरी और पैसों का लालच देकर सैकड़ों बच्चों की मानव तस्करी, पुलिस ने 70 का किया रेस्क्यू, 300 से भी ज्यादा अभी भी चंगुल में फंसे


पूर्व सीएम रमन सिंह के इलाके के बच्चे भी मानव तस्करों के कब्जे में





कोण्डागांव/रायपुर। छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों से गरीब किशोर-किशोरियों और युवक-युवतियों को नौकरी का प्रलोभन देकर दूसरे राज्यों में बंधुआ मजदूरी कराए जाने का खुलासा हुआ है. कोण्डागांव पुलिस ने मानव तस्करी के इस बड़े मामले का पर्दाफाश करते हुए तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश, दिल्ली और उड़ीसा से 70 बच्चों को रेस्क्यू कर वापस लाया है. जिन बच्चों को कोण्डागांव पुलिस ने छुड़ाया है वे प्रदेश के विभिन्न जिलों से हैं.कोण्डागांव एसपी सुजीत कुमार ने इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि जिले के गुमशुदा बच्चों के मामले की जांच की जा रही थी. इसी दौरान इरा गांव के एक बच्चे के मामले में मिली जानकारी ने पुलिस के कान खड़े कर दिये. आनन-फानन में एसपी ने बच्चे का रेस्क्यू करने पुलिस की एक टीम को तमिलनाडू के सलेम रवाना कर दिया. सलेम पहुंचने पर कोण्डागांव पुलिस को बेहद चौंकाने वाली जानकारियां मिली. कोण्डागावं पुलिस को गुम बालक-बालिका के पतासाजी के दौरान सी.सी.आर.एस. प्रोजेक्ट सेलम तमिलनाडू के काउंसलर वेद भटटाचार्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ के बालक बालिकाओं के सेलम में होने की सूचना मिली.


एसपी के मुताबिक सलेम में बच्चों के लिए काम करने वाले एक NGO के संचालक वेद भट्टाचार्या और सलेम पुलिस के साथ मिलकर विभिन्न फैक्ट्रियों और प्रतिष्ठानों में दबिश देकर सभी का रेस्क्यू किया.